बता हनुमान पियारा रे भाई कुण से देश ते आया

बता हनुमान पियारा रे भाई कुण से देश ते आया

बता हनुमान पियारा रे भाई कुण से देश ते आया

बता हनुमान पियारा रे,
भाई कुण से देश ते आया।।

(माँ सीता व हनुमानजी वार्तालाप)

मुद्रिका लेकर आयो निशानी,
मनै तू लागे कोई बलवानी,
समन्दर लांघ के खारा रे,
भाई कुण से देश ते आया।।


घणा जोखम था फेर भी आया,
मेरे रघुवर का संदेशा ल्याया,
बता के लागै तू म्हारा रे,
भाई कुण से देश ते आया।।


क्यूं मनै सोने का मृग देखा,
क्यूं मनै लांघी लक्ष्मण रेखा,
बिछड़ गया राम हमारा रे,
भाई कुण से देश ते आया।।


भरोसो राख रामजी आसी,
यो रावण करणी को फळ पासी,
के धरम कदै नही हारा रे,
माई मैं भारत देश ते आया,
मनै श्री राम भिजाया रे,
माई मैं भारत देश ते आया।।

सब भग्तां संग अम्बरीष गावै,
माँ सीता हनुमत ने बतळावै,
तू बेगो आई दुबारा रे,
भाई कुण से देश ते आया,
मनै श्री राम भिजाया रे,
माई मैं भारत देश ते आया।।


बता हनुमान पियारा रे,
भाई कुण से देश ते आया।।

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